अध्याय 9 किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
प्रिय छात्रों कक्षा 12 के अध्याय 9 किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर के साथ एक स्थान पर एकत्र किए गए हैं ताकि आप सभी को अपनी 12 बिहार बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ यूपी बोर्ड परीक्षा, झारखंड बोर्ड परीक्षा, एमपी बोर्ड परीक्षा ,राजस्थान बोर्ड परीक्षा, और अन्य बोर्ड परीक्षाके लिए तैयार किया जा सके। अधिक सहायता के लिए मेरे नवेंदु क्लासेस यूट्यूब चैनल पर जाएं।
1. मरीचिका क्या है?
ग्रीष्म ऋतु में मरुस्थलीय वायु में विभिन्न घनत्व की परतें होती हैं। पृथ्वी की सतह के करीब की परतें विरल हैं और पृथ्वी की सतह से ऊंचाई के साथ घनी होती रहती हैं।
किसी वस्तु (पौधे) से पृथ्वी की ओर आने वाली प्रकाश किरणें वायु की विभिन्न परतों पर अपवर्तित होती हैं। प्रत्येक अपवर्तन पर, यह अभिलंब से दूर झुक जाता है इसलिए अगली जोड़ी परतों के लिए इसका आपतन कोण बढ़ता रहता है।
जब आपतन कोण क्रान्तिक कोण से अधिक हो जाता है तो पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है जिसके कारण काल्पनिक उल्टा प्रतिबिंब दिखाई देता है।इसी घटना को मरीचिका कहते है।
2. प्रकाश के वर्णविक्षेपण का कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर। - श्वेत प्रकाश के प्रकाश के विभिन्न रंगों की तरंगदैर्घ्य भिन्न-भिन्न होती है। अब कुची के सूत्र से हम जानते हैं कि μ=A+B/ λ²+ ...
श्वेत प्रकाश के प्रकाश के विभिन्न रंगों के लिए किसी माध्यम का अपवर्तनांक भी भिन्न होगा। सूत्र से 𝛿 = A (μ-1) विभिन्न प्रकाश किरणों का विचलन अलग-अलग होगा इसलिए वे बिखर कर वर्णविक्षेपित हो जाते हैं।
3. दृष्टि निर्बन्धता ( persistence of vision ) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - रेटिना पर बनने वाला प्रतिबिम्ब अस्थायी होता है, फिर भी किसी वस्तु को हटाने के बाद उसकी छवि रेटिना (मस्तिष्क) पर 1/10 सेकंड तक बनी रहती है।
इसे दृष्टि निर्बन्धता कहते है।
दृष्टि निर्बन्धता के कारण प्रकाशित वस्तु के घूमने पर चमकदार वलय प्रकट होता है और सिनेमा हॉल में दो दृश्यों के बीच का समय-अंतराल भी इसी सिद्धांत पर आधारित होता है।
4. रात के समय एक प्रकाशित कमरे की शीशे की खिड़की से बाहर की वस्तुओं को आसानी से देखना मुश्किल होता है, समझाओ।
उत्तर। - कमरे के अंदर परावर्तित प्रकाश की तीव्रता अधिक होती है जबकि कमरे के बाहर से आने वाले प्रककाश की तीव्रता नगण्य होती है इसलिए कमरे के बाहर की वस्तुओं को देखना मुश्किल होता है।
लाइट बंद होने पर हम केवल कमरे के बाहर से आती हुई रोशनी को ही देखते हैं इसलिए हम बाहरी वस्तुओं को आसानी से देख पाते हैं।
5. सौर ऊर्जा एकत्र करने के लिए कौन अधिक उपयुक्त है?
(a ) एक पॉलिशदार अवतल दर्पण
(b ) एक उत्तल लेंस
जब प्रकाश अपवर्तक माध्यम से होकर गुजरता है तो उसकी ऊर्जा का कुछ भाग माध्यम द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है इसलिए सौर ऊर्जा एकत्र करने के लिए पॉलिशदार अवतल दर्पण उत्तल लेंस की तुलना में अधिक उपयुक्त होता है।
6. प्रकाश के वेग पर माध्यम की प्रकृति का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर - μ=c /v
अतः किसी माध्यम का अपवर्तनांक प्रकाश के वेग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। सघन माध्यम का अपवर्तनांक विरल माध्यम के अपवर्तनांक से अधिक होता है। अतः विरल माध्यम में प्रकाश का वेग सघन माध्यम से अधिक होता है।
7. किसी प्रिज्म के न्यूनतम विचलन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - किसी प्रिज्म द्वारा उत्पन्न न्यूनतम विचलन को न्यूनतम विचलन कहते हैं।
न्यूनतम विचलन के लिए
\[{{i}_{1}}={{i}_{2}}\]
और \[{{r}_{1}}={{r}_{2}}\]
8 . जब एक लेंस को पानी में डुबाया जाता है तो उसकी शक्ति बदल जाती है, क्यों?
उत्तर - लेंस मेकर्स सूत्र से हम जानते हैं कि
P =1 /f = (μ2 - μ1) (1/R1 - 1/R2)
जहां μ2 = लेंस का अपवर्तनांक
μ2 = माध्यम का अपवर्तनांक
स्थिति (i)- यदि लेंस को निम्न अपवर्तनांक वाले माध्यम में डुबोया जाता है।
μ2 > μ1
लेंस की शक्ति घटेगी और फोकस दूरी भी बढ़ेगी। लेकिन लेंस की प्रकृति नहीं बदलेगी।
स्थिति (ii)- जब लेंस को समान अपवर्तनांक वाले माध्यम में डुबोया जाता है।
μ2 =μ1
P =1 /f = 0
तब लेंस की क्षमता शून्य होती है और फोकस दूरी अनंत होगी।
स्थिति (iii)- जब लेंस को अधिक अपवर्तनांक वाले माध्यम में डुबोया जाता है।
μ2 < μ1
इस स्थिति में लेंस की शक्ति घट जाएगी और साथ ही फोकस दूरी बढ़ जाएगी लेकिन लेंस की प्रकृति बदल जाएगी। यानी उत्तल लेंस अवतल लेंस की तरह व्यवहार करेगा और अवतल लेंस उत्तल लेंस की तरह व्यवहार करेगा ।
9. आवर्धन और आवर्धन क्षमता में क्या अंतर है ?
बिहार बोर्ड 2010, 2020
उत्तर - आवर्धन
(i) प्रतिबिम्ब की ऊँचाई और वस्तु की ऊँचाई के अनुपात को आवर्धन कहते हैं।
m =h 2 /h 1
(ii)प्रतिबिम्ब की दूरी में वृद्धि के साथ आवर्धन बढ़ता है।
(iii) आवर्धन -अनंत से +अनंत के बीच होता है।
आवर्धन क्षमता
(i) प्रतिबिम्ब द्वारा नेत्र पर बना कोण और उसी स्थान पर के वस्तु द्वारा नेत्र पर बने कोण के अनुपात को आवर्धन क्षमता कहा जाता है।
M = β/α
(ii) प्रतिबिम्ब की दूरी में वृद्धि के साथ आवर्धन क्षमता घटती है।
(iii) आवर्धन क्षमता D/f और (1+D/f) के बीच होती है
10. आवर्धन क्षमता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- प्रतिबिम्ब द्वारा नेत्र पर बना कोण और उसी स्थान पर के वस्तु द्वारा नेत्र पर बने कोण के अनुपात को आवर्धन क्षमता (या कोणीय आवर्धन) कहा जाता है।
M = β/α
11. सूर्य की ओर देखने के बाद जब कोई अन्य वस्तु की ओर देखने के बाद काला दिखाई देता है। क्यों?
उत्तर - जब हम सूर्य की ओर देखते हैं तो प्रकाश की अधिक तीव्रता के कारण आंख की पुतली सिकुड़ जाती है। यदि हम अन्य वस्तुओं को देखते हैं तो पर्याप्त मात्रा में प्रकाश आंख में प्रवेश नहीं करता है, इसलिए वस्तु काली दिखाई देती है।
इसी कारण सिनेमा हॉल में देर से जाने पर कुछ समय के लिए स्क्रीन के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं देता है।
12. खतरे का निशान लाल होता है,क्यों?
बिहार बोर्ड 2018
उत्तर - वर्णपट के सभी सात प्रकाश किरणों में लाल रंग के प्रकाश का तरंगदैर्घ्य सबसे अधिक होता है। रेले के अनुसार,प्रकीर्णित प्रकाश की तीव्रता तरंगदैर्घ्य की चतुर्थ घात का व्युत्क्रमानुपाती होता है। अत: लाल प्रकाश का प्रकीर्णन न्यूनतम होगा अतः माध्यम से प्रचार करते समय लाल प्रकाश का अवशोषण भी न्यूनतम होगा इसलिए खतरे का चिन्ह लाल है क्योंकि यह लंबी दूरी तक यात्रा कर सकता है।
13. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य लाल क्यों दिखाई देता है?
उत्तर- रेले के अनुसार,प्रकीर्णित प्रकाश की तीव्रता तरंगदैर्घ्य की चतुर्थ घात का व्युत्क्रमानुपाती होता है। अतः सूर्य के श्वेत प्रकाश के सात रंगों में से लाल प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम होगा।लाल प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम होने के कारण हवा माध्यम के कणो द्वारा लाल रंग के प्रकाश का अवशोषण सबसे कम होगा।
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य क्षितिज पर होता है जिसके कारण सूर्य से आने वाला प्रकाश अधिक दूरी तय करता है। सूर्य से आने वाले प्रकाश के सबसे काम अवशोषित लाल रंग के प्रकाश के कारण सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य लाल दिखाई देता है।
14. आकाश नीला दिखाई देता है,क्यों ?
उत्तर - जब हम आकाश की ओर देखते हैं तो प्रकीर्णित प्रकाश दिखायी पड़ता है। रेले के अनुसार,प्रकीर्णित प्रकाश की तीव्रता तरंगदैर्घ्य की चतुर्थ घात का व्युत्क्रमानुपाती होता है। जिसके अनुसार सूर्य के सात रंग के प्रकाश में सबसे अधिक प्रकीर्णन बैंगनी रंग के प्रकाश का होगा और सबसे कम प्रकीर्णन लाल रंग के प्रकाश का होगा। लेकिन सूर्य के प्रकाश में बैंगनी रंग के प्रकाश की तीव्रता पहले से ही कम होती है इसलिए दूसरे और तीसरे सबसे अधिक प्रकीर्णित जमुनीऔर नीले रंग के प्रकाश के कारण आकाश नीला दिखाई देता है।
15. सूर्यास्त (या सूर्योदय) के समय में सूर्य अपनी वास्तविक स्थिति से कुछ अधिक ऊँचा दिखाई देता है। क्यों?
वायु पृथ्वी की सतह के पास सघन होती है और सूर्य की तरफ जाने पर इसका घनत्व कम होते जाता है। अतः सूर्य से आने वाली प्रकाश किरणें बार-बार अपवर्तित होकर अभिलम्ब की ओर झुकती जाती हैं, जिसके कारण सूर्य का काल्पनिक प्रतिबिम्ब अपनी वास्तविक स्थिति से अधिक ऊँचा दिखाई देता है।
16. आंखों के ऑपरेशन के बाद आंखों के सामने हरे पर्दे का इस्तेमाल किया जाता है। क्यों?
उत्तर - हमारी आंखें हरे रंग के प्रकाश के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। हमारे रेटिना में तीन प्रकार की शंक्वाकार कोशिकाएँ होती हैं। (i) एल-टाइप (बड़ा) (ii) एम-टाइप (मध्यम) (iii) एस-टाइप (छोटा)
एल-प्रकार की कोशिकाएँ मुख्य रूप से हरे रंग की पहचान करने के लिए होती हैं। इसलिए हमारी आंखें हरे रंग के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं इसलिए जब हम हरी रोशनी देखते हैं तो हमारी आंखों को आराम महसूस होता है इसलिए ऑपरेशन के बाद आंखों के सामने हरे पर्दे का इस्तेमाल किया जाता है।
17. रेटिनल श्रान्ति क्या है?
उत्तर - जब हम किसी उच्च तीव्रता की वस्तु को लंबे समय तक देखते हैं तो हमारे रेटिना की शंक्वाकार और बेलनाकार कोशिका थक जाती है। जिससे कम तीव्रता वाली वस्तु को देखते समय काली धारियां नजर आती हैं, इसे रेटिनल श्रान्ति कहते है।
18. एक आँख के स्थान पर आँख के जोड़े से क्या लाभ हैं?
उत्तर - एक आंख की तुलना में आंखों के जोड़े से निम्नलिखित लाभ हैं।
(i) एक आँख के तुलना में दोनों आँखों से दूरी का सही अनुमान लगता है।
यही कारण है कि एक आंख से सुई के छेद में धागा डालना या कलम में स्याही भरना मुश्किल होता है।
(ii) एक आंख के तुलना में दोनों आंखें से देखने पर दृष्टि परास बढ़ जाता हैं।
(iii) एक आंख के तुलना में, दोनों आंखें हमें किसी वस्तु के 3 -D आकार को देखने में मदद करती हैं।
19. प्राथमिक और द्वितीयक इंद्रधनुष में क्या अंतर है?
बिहार बोर्ड 2019
उत्तर - (नवेंदु भौतिकी कक्षाएं-मुज।) की नोट बुक में देखें।
मो.- 9504928380
20. उत्सर्जन और अवशोषण स्पेक्ट्रम में क्या अंतर है?
उत्तर - उत्सर्जन स्पेक्ट्रम - किसी गर्म वस्तु के विकिरण से प्राप्त स्पेक्ट्रम को उत्सर्जन स्पेक्ट्रम कहा जाता है।जैसे - बिजली के बल्ब, कार्बन लैंप और सूरज से प्राप्त स्पेक्ट्रम।
उत्सर्जन स्पेक्ट्रम तीन प्रकार के होते हैं।
(i) सतत स्पेक्ट्रम
(ii) लाइन स्पेक्ट्रम
(iii) बैंड स्पेक्ट्रम
अवशोषण स्पेक्ट्रम - जब कोई विकिरण अपवर्तक ठोस, तरल या गैस माध्यम से गुजरता है तो प्राप्त स्पेक्ट्रम को अवशोषण स्पेक्ट्रम कहा जाता है।
प्रिज्म द्वारा निर्मित सूर्य के प्रकाश का स्पेक्ट्रम एक अवशोषण स्पेक्ट्रम है।
अवशोषण स्पेक्ट्रम तीन प्रकार के होते हैं।
(i) सतत स्पेक्ट्रम
(ii) लाइन स्पेक्ट्रम
(iii) बैंड स्पेक्ट्रम
21. हीरा बहुत चमकीला दिखाई देता है। क्यों?
अथवा
हीरा साधारण कांच की अपेक्षा बहुत चमकीला दिखाई देता है। क्यों?
हीरे का क्रांतिक कोण 24.4 है (और साधारण कांच का 41.8 है)। हीरा का कम क्रांतिक कोण होने के कारण हीरा में प्रवेश करने वाली प्रकाश किरणें हीरा के अंदर बार-बार पूर्ण आतंरिक परावर्तन के बाद हमारे आँखों पर पड़ती है ( अर्थात हीरे के अंदर कुल आंतरिक परावर्तन साधारण कांच की तुलना में अधिक होता है) इसलिए हीरा बहुत चमकीला दिखाई देता है।
22. किरण के पथ में कांच के स्लैब द्वारा किस प्रकार का परिवर्तन उत्पन्न होता है?
काँच के स्लैब द्वारा उत्पन्न विचलन शून्य होता है। जब कोई प्रकाश किरण लंबवत आपतित होती है तो वह बिना किसी विचलन के गुजरती है लेकिन यदि प्रकाश किरण किसी अन्य कोण पर आपतित होती है तो वह बिना किसी विचलन के पार्श्विक रूप से विस्थापित हो जाती है।
23. लाल गुलाब नीले प्रकाश की उपस्थिति में काला दिखाई देता है, क्यों ?
उत्तर। - लाल गुलाब लाल रोशनी को छोड़कर सभी प्रकाश किरणों को अवशोषित कर लेता है। इसलिए जब एक लाल गुलाब को नीले प्रकाश में देखा जाता है तो यह नीले प्रकाश को अवशोषित करता है और कोई भी प्रकाश देखने वाले की आंखों में प्रवेश नहीं करता है इसलिए यह काला दिखाई देता है।
24. पराबैंगनी और अवरक्त विकिरण में अंतर बताएं।
उत्तर - पराबैंगनी
(i) इसका तरंगदैर्घ्य 3900 angstrom से कम होता है।
(ii) इसकी आवृत्ति अवरक्त प्रकाश से अधिक होती है।
(iii) इसकी ऊर्जा अवरक्त प्रकाश से अधिक होती है।
(iv) इसकी खोज रिटर ने1801ई. में की थी।
अवरक्त
(i) इसका तरंगदैर्घ्य 7800 angstrom से अधिक होता है।
(ii) इसकी आवृत्ति पराबैंगनी प्रकाश से कम होती है।
(iii) इसकी ऊर्जा पराबैंगनी प्रकाश से कम होती है।
(iv) इसकी खोज विलियम हर्शेल ने 1800 ई. में की थी।
25. स्पेक्ट्रोमीटर से आप क्या समझते हैं?
उत्तर -स्पेक्ट्रोमीटर एक मशीन है जिसका उपयोग शुद्ध स्पेक्ट्रम प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
इसमें निम्नलिखित तीन मुख्य भाग होते हैं।
(i) कोलीमीटर (ii) टेलिस्कोप (iii) प्रिज्म टेबल।
26. शुद्ध स्पेक्ट्रम प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तें क्या हैं?
(i) प्रकाश स्रोत संकरा होना चाहिए।
(ii) प्रिज्म पर आपतित किरणें समानांतर होनी चाहिए।
(iii) प्रिज्म न्यूनतम विचलन की स्थिति में होना चाहिए।
(iv) उत्तल लेंस द्वारा निर्गत किरणों को पर्दे पर अभिसरित किया जाना चाहिए।
27. यदि एक मोमबत्ती का प्रतिबिम्ब उत्तल लेंस द्वारा पर्दे पर बनता है। यदि लेंस का निचला आधा भाग काला कर दिया जाए तो प्रतिबिम्ब का आकार क्या होगा?
मोमबत्ती के किसी भी भाग( बिंदु ) से आने वाली प्रकाश किरणें लेंस के आधे भाग से अपवर्तन के बाद उसी बिंदु पर मिलती है जहां यह पूरे लेंस से अपवर्तित होने के बाद मिलती है। अतः लेंस के निचले आधे भाग को काला कर देने पर भी प्रतिबिम्ब पूरा बनेगा (प्रतिबिम्ब का आकार समान होगा )लेकिन लेंस के निचले आधे भाग से अपवर्तित होकर आने वाले प्रकाश किरणों की संख्या कम जाने के कारण प्रतिबिम्ब की तीव्रता कम हो जाएगी।
28. संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में अभिदृश्यक का द्वारक छोटा होता है,क्यों ?
उत्तर - संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में अभिदृश्यक का द्वारक छोटा रखा जाता है ताकिसूक्ष्म वस्तु से आने वाली प्रकाश किरणें काम द्वारक में फैलें उस वस्तु के बने प्रतिबिम्ब की तीव्रता अधिक हो जिससे प्रतिबिम्ब स्पष्ट दिखाई दे।
29. खगोलीय दूरबीन केअभिदृश्यक का द्वारक बड़ा होता है,क्यों?
उत्तर - खगोलीय दूरबीन का द्वारक बड़ा होता है ताकि आकाशीय पिंडो (लंबी दूरी की वस्तुओं) से आनेवाला अधिक से अधिक प्रकाश दूरबीन के अंदर प्रवेश करें जिससे आकाशीय पिंडो का प्रतिबिम्ब अधिक चमकदार और स्पष्ट दिखाई दे।
30. प्रकाशीय रेशे (optical fiber ) क्या है? इसके कुछ महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
यह कांच या क्वार्ट्ज का एक रेशा (पतला ट्यूब) है जो पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर काम करता है।
अनुप्रयोग-
(i) कंप्यूटर लाइन के क्षेत्र में।
(ii) संचार प्रणाली में प्रकाशीय तंतुओं की सहायता से प्रकाश संकेतों (light signals ) को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जाता है।
(iii) चिकित्सा क्षेत्र में एंडोस्कोपी करने में ।
31. अपवर्तनांक क्या है?यह क्रांतिक कोण से किस प्रकार संबंधित है?
बिहार बोर्ड 2020
उत्तर - (नवेंदु भौतिकी कक्षाएं)
नोट पुस्तक में देखें।
32.वर्णविक्षेपण क्षमता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - इसे $\omega $से सूचित करते हैं।
वर्णविक्षेपण कोण और पीली किरण के विचलन कोण के अनुपात को वर्णविक्षेपण क्षमता कहते हैं।
$\omega =\frac{\theta
}{{{\delta }_{Y}}}=\frac{{{\delta }_{V}}-{{\delta }_{R}}}{{{\delta
}_{Y}}}=\frac{{{\mu }_{V}}-{{\mu }_{R}}}{{{\mu }_{Y}}-1}$
33. परावर्तक दूरबीन और अपवर्तक दूरबीन में क्याअंतर हैं?
उत्तर -
परावर्तक दूरबीन
(i) अभिदृश्यक के रूप में बड़े अवतल दर्पण का प्रयोग होता है।
(ii) अपवर्तक दूरदर्शी की तुलना में प्रतिबिम्ब अधिक चमकदार और स्पष्ट होता है।
अपवर्तक दूरबीन
(i) अभिदृश्यक के रूप में लेंस का प्रयोग होता है।
(ii) परावर्तक दूरदर्शी की तुलना में प्रतिबिम्ब कम चमकीला और स्पष्ट होता है।
34. लेंस में विकृति(Distortion) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - लेंस का वह दोष जिसके कारण लेंस द्वारा बने प्रतिबिम्ब के अलग -अलग भागों का आवर्धन अलग -अलग होता है,इसे लेंस में डिस्टॉर्शन कहते है।
डिस्टॉर्शन दो प्रकार का होता है।
(i) पिन-कुशन डिस्टॉर्शन -जब प्रतिबिम्ब का आवर्धन प्रतिबिम्ब के केंद्र में कम और केंद्र के बाहर की ओर अधिक होता है उसे पिन-कुशन डिस्टॉर्शन कहते है।
(ii) बैरल डिस्टॉर्शन - जब प्रतिबिम्ब का आवर्धन प्रतिबिम्ब के केंद्र में अधिक और केंद्र के बाहर की ओर कम होता है उसे बैरल डिस्टॉर्शन कहते है।
35. रंगीन विपथन क्या है? इसे कैसे कम किया जाता है?
बिहार बोर्ड 2010
किसी लेंस द्वारा सफेद प्रकाश में किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब आमतौर पर रंगीन और धुंधला होता है। छवि के इस दोष को रंगीन विपथन कहा जाता है।
बैंगनी रंग के प्रकाश किरण के लिए लेंस का फोकस निकटतम होगा और लाल रंग के प्रकाश किरण के लिए सबसे दूर होगा।
fv और fr के बीच का अंतर विपथन का माप देता है।
रंगीन विपथन = fv -fr = -df ...(i)
लेंस-मेकर्स सूत्र से
\[\frac{1}{f}=(\mu
-1)(\frac{1}{{{R}_{1}}}-\frac{1}{{{R}_{2}}})\] ...(ii)
दोनों पक्षों में differentiate करने पर
$\frac{-df}{{{f}^{2}}}=d\mu
\left( \frac{1}{{{R}_{1}}}-\frac{1}{{{R}_{2}}} \right)$ ....(iii)
लागू करें (iii)/(ii)
-df/f = dμ/μ-1
-df/f = ω
रंगीन विपथन = -df = ωf ......(iv)
विपथन को समाप्त करने के लिए दो लेंसों को संयोजित किया जाएगा
$\frac{1}{f}=\frac{1}{{{f}_{1}}}+\frac{1}{{{f}_{2}}}$
दोनों पक्षों में differentiate करने पर
$\frac{-df}{{{f}^{2}}}=\frac{-d{{f}_{1}}}{{{f}_{1}}^{2}}+\frac{-d{{f}_{2}}}{{{f}_{2}}^{2}}$
संयोजन रंगीन विपथन से मुक्त होगा यदि df = o
-$\frac{-d{{f}_{1}}}{{{f}_{1}}^{2}}+\frac{-d{{f}_{2}}}{{{f}_{2}}^{2}}=0$
$\frac{{{\omega
}_{1}}{{f}_{1}}}{{{f}_{1}}^{2}}+\frac{{{\omega
}_{2}}{{f}_{2}}}{{{f}_{2}}^{2}}=0$
$\frac{{{\omega
}_{1}}}{{{f}_{1}}}+\frac{{{\omega }_{2}}}{{{f}_{2}}}=0$
यह रंगीन विपथन को कम करने की शर्त है।
36. 40 वाट की फ्लोरोसेंट ट्यूब 40 वाट के फिलामेंट बल्ब की तुलना में अधिक प्रकाश देता है, क्यों?
उत्तर- फिलामेंट बल्ब प्रकाश का एक तापीय स्रोत है जिससे प्रकाश के अलावा पराबैंगनी और अवरक्त विकिरण उत्सर्जित होते हैं।
जबकि फ्लोरोसेंट ट्यूब के अंदर गैस डिस्चार्ज के कारण प्रकाश के साथ पराबैंगनी विकिरण उत्सर्जित होता है। पराबैंगनी विकिरण photoluminance द्वारा दृश्य प्रकाश में परिवर्तित हो जाता है।
यही कारण है कि समान वाट के फिलामेंट बल्ब की तुलना में फ्लोरोसेंट ट्यूब अधिक प्रकाश देता है।
37. रंगीन कांच का पाउडर उजला होता है ,क्यों?
उत्तर - रंगीन काँच का पाउडर श्वेत प्रकाश की सभी सात रंग की प्रकाश किरणों को समान रूप से परावर्तित करता है इसलिए यह उजला दिखाई देता है।
38. कागज पर तेल लगाने पर वह पारभासी हो जाता है,क्यों?
उत्तर- तेल का अपवर्तनांक कागज केअपवर्तनांक के बहुत करीब होता है इसलिए जब तेल को कागज पर लगाया जाता है तो वे दोनों एक ही माध्यम के रूप में कार्य करते हैं।जिससे पहले की अपेक्षा अधिक किरणें आर-पार गुजर जाती है जिससे पारभासी हो जाता है।
39.पूर्ण आतंरिक परावर्तन क्या है? इस घटना के लिए आवश्यक शर्तों को लिखें।
बिहार बोर्ड 2016
उत्तर - जब आपतन कोण (सघन माध्यम में ) क्रांतिक कोण से अधिक होता है तो प्रकाश किरणें उसी माध्यम में लौट जाती है ,इस घटना को पूर्ण आतंरिक प्रवर्तन कहते है।
शर्तें - (i ) पूर्ण आतंरिक परावर्तन की घटना के लिए प्रकाश किरणें सघन माध्यम में आपतित होनी चाहिए।
(ii )आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए।
40.क्रांतिक कोण की परिभाषा दें तथा इसकी शर्तों को लिखें।
बिहार बोर्ड 2012
उत्तर- सघन माध्यम का वह आपतन कोण जिसके लिए अपवर्तन कोण 90 डिग्री हो ,उसे क्रांतिक कोण कहते है।
शर्तें -क्रांतिक कोण के लिए प्रकाश किरणें सघन माध्यम से विरल माध्यम में अपवर्तित होना चाहिए।
41. द्वितीयक इन्द्रधनुष को समझाइए।
बिहार बोर्ड 2021
उत्तर- (नवेंदु भौतिकी वर्ग-मुजफ्फरपुर) के नोट में देखें।
42. प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के लिए आवश्यक शर्तें लिखिए।
बिहार बोर्ड 2021
उत्तर- प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के लिए निम्नलिखित शर्तें हैं:
(i) प्रकाश किरणें पूर्ण आंतरिक परावर्तन के लिए सघन माध्यम में आपतित होनी चाहिए।
(ii) आपतन कोण क्रान्तिक कोण से बड़ा होना चाहिए।
43. नेत्र के सामंजन क्षमता से आप क्या समझते हैं ?
बिहार बोर्ड 2021
उत्तर- नेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित (adjust) करके (सिलिअरी मांसपेशियों की सहायता से) निकट और दूर की वस्तुओं का रेटिना पर स्पष्ट प्रतिबिम्ब बनाने की क्षमता को नेत्र की सामंजन क्षमता कहते है।
44. माध्यम के अपवर्तनांक से क्या समझते है ?
बिहार बोर्ड 2022
उत्तर - (नवेंदु भौतिकी कक्षाएं)
नोट पुस्तक में देखें।
45. प्रकाश के वर्ण विक्षेपण को समझायें ?
बिहार बोर्ड 2022
उत्तर - (नवेंदु भौतिकी कक्षाएं)
नोट पुस्तक में देखें।
अध्याय 1 विद्युत आवेश एवं क्षेत्र लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 2 स्थिरवैद्युत विभव एवं धारिता लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 3 वर्तमान विद्युत् धारा लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 4 गतिमान आवेश और चुम्कत्व लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 6 विद्युत चुम्बकीय प्रेरण लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 7 प्रत्यावर्ती धारा लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 8 विद्युत चुंबकीय तरंगें लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 10 तरंग प्रकाशकी लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 11 विकिरण एवं पदार्थ की द्वैत प्रकृति लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 12 परमाणु लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 13 नाभिक लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 14 अर्द्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी : पदार्थ,युक्तियाँ तथा सरल परिपथ लघु प्रश्न -उत्तर
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