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कक्षा 12 भौतिकी अध्याय 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य प्रश्न उत्तर

प्रिय छात्रों कक्षा 12 भौतिकी अध्याय 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य प्रश्न उत्तर ( महत्वपूर्ण  लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर)  के साथ एक स्थान पर एकत्र किए गए हैं ताकि आप सभी को अपनी 12  बिहार बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ यूपी बोर्ड परीक्षा, झारखंड बोर्ड परीक्षा, एमपी बोर्ड परीक्षा ,राजस्थान बोर्ड परीक्षा, और अन्य बोर्ड परीक्षाओं  के लिए तैयार किया जा सके। अधिक सहायता के लिए मेरे नवेंदु क्लासेस यूट्यूब चैनल पर जाएं।
12th भौतिकी अध्याय 5 लघु प्रश्नउत्तर





प्रश्न (1)- स्थाई चुम्बक बनाने में इस्पात तथा विधुत चुम्बक बनाने में नरम लोहे का प्रयोग किया जाता है,क्यों ?
उतर - इस्पात की निग्राहिता अधिक होती है, यही कारण है की स्थाई चुम्बक इस्पात के बनाए जाते है।
               नर्म लोहे की निग्राहिता कम होती है तथा चुम्बकीय प्रवृति (या चुंबकशीलताअधिक होती है, यही कारण है कि (भले ही अस्थायी लेकिन शक्तिशाली चुम्ब्किये क्षेत्र पाप्त करने के लिएविधुत चुम्बक नर्म लोहे से बनाए जाते है।
प्रश्न (2)- विद्युत चुम्बक और स्थायी चुम्बक में दो अंतर लिखिए बिहार बोर्ड - 2012, 2020 उत्तर- विद्युत चुम्बक - (i) विद्युत चुम्बक नरम लौहचुम्बकीय पदार्थ से बने होते हैं। जैसे- नर्म लोहा। (ii) इसका चुंबकीय क्षेत्र अस्थायी होता है, जो तब तक रहता है जब तक कि इसके कुंडली से धारा प्रवाहित होती है।
स्थायी चुंबक-
(i) स्थायी चुम्बक कठोर लौहचुम्बकीय पदार्थों से बने होते हैं। जैसे- स्टील। (ii) इसका चुंबकीय क्षेत्र स्थायी होता है।
प्रश्न (3)- अनुचुंबकीय और प्रतिचुंबकीय पदार्थों के व्यवहार को अलग करने वाले दो गुणधर्म बताइए। बिहार बोर्ड - 2014 उत्तर- अनुचुम्बकीय पदार्थ - (i) अनुचुम्बकीय पदार्थ चुंबक द्वारा क्षीण बल से आकर्षित होते हैं। (ii) एक अनुचुंबकीय पदार्थ की चुंबकीय प्रवृति धनात्मक होती है लेकिन बहुत कम होती है। प्रतिचुम्बकीय पदार्थ - (i) प्रतिचुंबकीय पदार्थ चुंबक द्वारा क्षीण बल से प्रतिकर्षित होते हैं। (ii) प्रतिचुंबकीय पदार्थ की चुंबकीय प्रवृति ऋणात्मक होती है लेकिन बहुत कम होती है।
प्रश्न (4)- एक समान चुंबकीय क्षेत्र में दो नमूने X और Y रखे जाते हैं तो चुम्बकीय क्षेत्र जैसा चित्र में दिखाया गया है, वैसा संसोधित हो जाता है।
एक समान चुंबकीय क्षेत्र में दो नमूने X और Y रखे जाते हैं तो चुम्बकीय क्षेत्र जैसा चित्र में दिखाया गया है, वैसा संसोधित हो जाता है।



(i) दो नमूनों X और Y की पहचान कीजिए। (ii) X और Y में क्षेत्र रेखाओं के संशोधन का कारण बताइए।
बिहार बोर्ड - 2009 उत्तर- (i) नमूना X एक प्रतिचुंबकीय पदार्थ है और नमूना Y एक लौहचुंबकीय पदार्थ है। (ii) प्रतिचुंबकीय पदार्थ की आपेक्षिक चुंबकशीलता 1 से कम होती है, इसलिए चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं प्रतिचुंबकीय पदार्थ द्वारा प्रतिकर्षित होती हैं। लेकिन
लौहचुम्बकीय पदार्थ की आपेक्षिक चुंबकशीलता 1 से (बहुत ) अधिक होती है, इसलिए चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं लौहचुंबकीय पदार्थ द्वारा आकर्षित होती हैं।
प्रश्न (5)- एक छड़ चुंबक की अक्षीय स्थिति और निरक्षीय स्थिति की व्याख्या करें। बिहार बोर्ड - 2020 उत्तर- अक्षीय स्थिति- छड़ चुम्बक के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से गुजरने वाली सरल रेखा पर का कोई भी बिंदु अक्षीय स्थिति कहलाता है। निरक्षीय स्थिति- छड़ चुंबक के केंद्र से अक्ष के लंबवत गुजरने वाली सरल रेखा पर का कोई भी बिंदु निरक्षीय स्थिति कहलाता है।
अक्षीय स्थिति निरक्षीय स्थिति


प्रश्न (6)- किसी छोटे (short ) छड़ चुम्बक के अक्ष और निरक्ष पर चुंबकीय क्षेत्र B के लिए व्यंजक लिखिए।
बिहार बोर्ड - 2017 उत्तर- किसी छोटे छड़ चुम्बक के अक्ष पर के किसी बिन्दु पर चुंबकीय क्षेत्र  \[{{B}_{axial}}=\frac{{{\mu }_{0}}}{4\pi }\times \frac{2M}{{{r}^{3}}}\] किसी छोटे छड़ चुम्बक के निरक्ष पर के किसी बिन्दु पर चुंबकीय क्षेत्र  \[{{B}_{equatorial}}=\frac{{{\mu }_{0}}}{4\pi }\times \frac{M}{{{r}^{3}}}\]
जहाँ M= लघु छड़ चुम्बक का चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण r= छड़ चुंबक के केंद्र से बिंदु की दूरी
प्रश्न (7)- किसी छड़ चुम्बक को लम्बाई के समांतर या लम्बवत काटने पर एक खंड के चुम्बकीय द्विध्रूव आघूर्ण पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उतर -  
चुम्बकीय द्विध्रूव आघूर्ण पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

किसी छड़ चुम्बकका चुम्बकीय द्विध्रूव आघूर्ण  
        M = m × 2l ------ (i)
यदि छड़ चुम्बक को लंबाई के लम्बवत काटा जाए तो ध्रुव प्राबल्य अपरिवर्तित रहेगा लेकिन लम्बाई आधी हो जाती है।






 M = m × l -------(ii)


यदि छड़ चुम्बक लम्बाई के समान्तर काटा जाए तो ध्रुव प्राबल्य आधा हो जाऐगा लेकिन लम्बाई अपरिवर्तित रहेगी।





(i),(ii),(iii) से
दोनों ही स्थितियो में चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण पहले के चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण का आधा हो जाएगा।
प्रश्न (8)- विचुम्बकन की प्रक्रिया को समझाएँ |
उत्तर - जब किसी चुम्बकीय पदार्थ के परमाणु चुम्बक एक दिशा में सज जातें है तो उस पदार्थ का चुम्बकीय द्विध्रुव आधुर्ण कुछ-न-कुछ हो जाता है जिससे वह पदार्थ चुम्बकित हो जाता है।
        पटकने पर अथवा गर्म करनें पर इन परमाणु चुम्बकों की सजावट बिखर जाती है। जिससे इनका चुम्बकीय द्विध्रुव आधूर्ण शुन्य (0 )हो जाता है।
अर्थात् पदार्थ विचुम्बकित हो जाता है।
प्रश्न (9)- नाविक कंपास क्या है ?
उत्तर - नाविक कंपास एक दिशा सूचित करनेवाला एक यंत्र है।
नाविक कंपास


       यह मशीन एक अर्द्धगोलिय कटोरे के उदग्र चूल पर एलुमिनियम का बना हुआ क्षैतिज डाएल फिट करके बनाया रहता है। डाएल के निचे चूल से आठ पतली चुम्बकीय सुईयाँ इस प्रकार फिट की हुई रहती है कि डाएल और चुम्बकीय सुइयाँ क्षैतिज तल में घूर्णन करनें के लिए स्वंतत्र रहती है।
डाएल पर दिशा बताने वाले विभिन्न चिह्न अंकित रहतें हैं।
प्रश्न (10)- चुम्बकीय शैथिल्य क्या है ? निग्राही बल क्या है ?
उत्तर - चुम्बकीय शैथिल्य- जब कोई लौह चुम्बकीय पदार्थ चुम्बकन चक्र से गुजरता है तो (चुम्बकीय प्रेरण क्षेत्र ) B का (चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ) H से पीछे रह जाना शैथिल्य कहलाता है।
निग्राही बल-  किसी चुम्बक के (अवशेष ) चुम्बकत्व को नष्ट करनें के लिए आवश्यक चुम्बकीय क्षेत्र को निग्राही बल कहतें हैं।
प्रश्न (11)- शैथिल्य लूप क्या है ? इसकी सहायता से धारणशीलता और निग्राहिता की व्याख्या कीजिए। बिहार बोर्ड - 2010 उत्तर- शैथिल्य लूप- किसी (लौहचुंबकीय पदार्थ के) एक चुम्बकन चक्र के लिए B-H (चुंबकीय प्रेरण क्षेत्र-चुंबकन क्षेत्र की तीव्रता ) ग्राफ को शैथिल्य लूप कहते है।
जब चुम्बकन क्षेत्र और चुंबकीय प्रेरण क्षेत्र शून्य से महत्तम एक दिशा में और फिर विपरीत दिशा में महत्तम से शून्य की ओर बदलते हैं तो चुम्बकन क्षेत्र का मान शून्य होने पर भी चुम्बकीय प्रेरण क्षेत्र शुन्य नहीं होता है। चुम्बकन क्षेत्र के शून्य मान पर भी चुंबकीय प्रेरण क्षेत्र की कुछ मात्रा नमूने में रहती है। इस चुंबकीय क्षेत्र को धारणशीलता या अवशेष चुंबकत्व (Br) कहते है।
अवशेष चुंबकत्व को नष्ट करने के लिए हम विपरीत दिशा में चुंबकीय क्षेत्र आरोपित करते हैं, जिसे निग्राहिता या निग्राही बल कहाते है।
धारणशीलता  शैथिल्य लूप


धारणशीलता- बाह्य चुंबकीय क्षेत्र को हटाने के बाद एक लौहचुंबकीय पदार्थ के अंदर जो चुंबकीय क्षेत्र रह जाता है उसे धारणशीलता कहते है।
निग्राहिता- अवशेष चुंबकत्व को नष्ट करने के लिए आवश्यक चुंबकीय क्षेत्र को निग्राहिता कहा जाता है। प्रश्न (12)- पृथ्वी के चुंबकीय तत्वों से आप क्या समझते हैं ? बिहार बोर्ड - 2020 उत्तर- नवेंदु फिजिक्स क्लास नोट्स में पढ़ें।
प्रश्न (13)- उदासीन बिंदु से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर - किसी चुम्बक के चुंबकीय क्षेत्र के वे बिंदु जहाँ पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (का क्षैतिज घटक) और चुम्बक के चुंबकीय क्षेत्र का परिणामी शून्य होता है, उन्हें उदासीन बिंदु कहते हैं।
प्रश्न (14)- दो चुम्बक को एक साथ समायोजित करने पर परिणामी चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण कैसे प्राप्त करते है ?
उतर - यदि दो चुम्बको को समायोजित किया जाए तो परिणामी चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण सदिश योग विधि द्वारा निकाला जाता है।
दो चुम्बक को एक साथ समायोजित करने पर परिणामी चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण कैसे प्राप्त करते है ?


कुल चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण  =\[M=\sqrt{M_{1}^{2}+M_{2}^{2}+2{{M}_{1}}{{M}_{2}}\cos \theta }\]
स्थिति -(i) जब  $\theta ={{0}^{\circ }}$
                    $M={{M}_{1}}+{{M}_{2}}$
स्थिति -(ii) जब  $\theta ={{90}^{\circ }}$
                    $M=\sqrt{M_{1}^{2}+M_{2}^{2}}$
 स्थिति -(iii) जब  $\theta ={{180}^{\circ }}$
                    $M={{M}_{1}}-{{M}_{2}}$  
प्रश्न (15)- विकर्षण ही चुम्बकत्व की असली पहचान है ,कैसे ?
उत्तर - चुम्बक के समान ध्रुव एक-दुसरे को विकर्षित करतें है तथा आसमान ध्रुव एक-दुसरे को आकर्षित करतें है। लेकिन चुम्बक और लोहे में केवल आर्कषण हिता है। अत: चुम्बकत्व का असली पहचान केवल विकर्षण है।
प्रश्न (16)- किसी भी स्थान पर आभासी नति कोण से आप क्या समझते हैं ? बिहार बोर्ड - 2021,2022 उत्तर-चुंबकीय याम्योत्तर को छोड़कर किसी अन्य याम्योत्तर में नति कोण को आभासी नति कोण कहते हैं।
आभासी नति कोण

वास्तविक
नति कोण (जिसे चुंबकीय याम्योत्तर में मापा जाता है)= \[\delta \] आभासी नति कोण (जिसे किसी अन्य याम्योत्तर में मापा जाता है)= \[{{\delta }^{'}}\] चुंबकीय याम्योत्तर और अन्य याम्योत्तर के बीच का कोण= $\theta $ तो फिर, $\tan \delta '=\frac{\tan \delta }{\cos \theta }$
प्रश्न (17)- चुंबक की अक्षीय स्थिति से आप क्या समझते है ?
बिहार बोर्ड - 2022
उत्तर- अक्षीय स्थिति- छड़ चुम्बक के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से गुजरने वाली सरल रेखा पर का कोई भी बिंदु अक्षीय स्थिति कहलाता है।
अक्षीय स्थिति


Q.(18)- नमन कोण की परिभाषा लिखें ।
बिहार बोर्ड - 2022 उत्तर-पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और चुंबकीय याम्योत्तर की क्षैतिज दिशा के बीच के कोण को नमन कोण कहते हैं। * इसे $\delta $ द्वारा सूचित किया जाता है।
नमन कोण

Q.(19)- चुंबकीय आघूर्ण की व्याख्या कीजिए। बिहार बोर्ड - 2022 उत्तर- धारा लूप के लिए- एम्पीयर टर्न और क्षेत्रफल के गुणनफल को चुंबकीय (द्विध्रुवीय) आघूर्ण कहते हैं। M= NI x A
बकीय आघूर्ण


छड़ चुंबक के लिए-
एक (छोटे) छड़ चुंबक के किसी भी ध्रुव की ध्रुव शक्ति के परिमाण और ध्रुवों के बीच की दूरी के गुणनफल को चुंबकीय आघूर्ण कहते है।
चुंबकीय आघूर्ण

M=m x 2l * चुंबकीय आघूर्ण का SI मात्रक $A{{m}^{2}}$ या J/T है। *चुंबकीय आघूर्ण एक सदिश राशि है।जिसकी दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होती है। Q.(20)- चुंबकीय फ्लक्स की परिभाषा एवं SI मात्रक लिखें। बिहार बोर्ड - 2022 उत्तर- चुंबकीय फ्लक्स - चुंबकीय प्रेरण क्षेत्र और क्षेत्रफल सदिश के बिंदु गुणनफल को चुंबकीय फ्लक्स कहते है। * इसे $\varphi $ द्वारा सूचित किया जाता है। * यह एक अदिश राशि है।
चुंबकीय फ्लक्स की परिभाषा एवं SI मात्रक लिखें।

$\varphi =\vec{B}.\vec{A}=BA\cos \theta $ जहां $\theta $= $\vec{B}$और$\vec{A}$ के बीच का कोण है। S .I. मात्रक - चुंबकीय फ्लक्स = चुंबकीय प्रेरण क्षेत्र x क्षेत्रफल = tesla x ${{\left( meter \right)}^{2}}$
                        = weber
                        = Wb
चुंबकीय फ्लक्स का SI मात्रक $tesla{{(meter)}^{2}}$ है। जिसे वेबर (Wb) कहते हैं।

 अध्याय 1 विद्युत आवेश एवं क्षेत्र लघु प्रश्न -उत्तर 

अध्याय 2 स्थिरवैद्युत विभव एवं धारिता लघु प्रश्न -उत्तर 

अध्याय 3 वर्तमान विद्युत् धारा लघु प्रश्न -उत्तर  

अध्याय 4 गतिमान आवेश और चुम्कत्व लघु प्रश्न -उत्तर   

 अध्याय 6 विद्युत चुम्बकीय प्रेरण लघु प्रश्न -उत्तर 

अध्याय 7 प्रत्यावर्ती धारा लघु प्रश्न -उत्तर 

अध्याय 8 विद्युत चुंबकीय तरंगें लघु प्रश्न -उत्तर 

अध्याय 9 किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र लघु प्रश्न -उत्तर 

अध्याय 10 तरंग प्रकाशकी लघु प्रश्न -उत्तर 

अध्याय 11 विकिरण एवं पदार्थ की द्वैत प्रकृति लघु प्रश्न -उत्तर 

अध्याय 12 परमाणु लघु प्रश्न -उत्तर 

अध्याय 13 नाभिक लघु प्रश्न -उत्तर 

अध्याय 14 अर्द्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी : पदार्थ,युक्तियाँ तथा सरल परिपथ लघु प्रश्न -उत्तर 

अध्याय 15 संचार व्यवस्था लघु प्रश्न -उत्तर   

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