उतर - यदि विधार्थी वोल्टमीटर को भूल से श्रेणीक्रम में जोड़ देगा तो परिपथ का प्रतिरोध
अत्यधिक उच्च हो जाऐगा जिससे परिपथ में अत्यंत सूक्ष्म धारा प्रवाहित होगी अथवा धारा प्रवाहित नहीं होगी।
यदि एमिटर को समान्तर क्रम में जोड़ दिया जाए तो परिपथ की अत्याधिक धारा एमिटर से होकर प्रवाहित होगी जिससे एमिटर के निर्देशाक की सुई टूट
जाऐगी अथवा एमिटर की कुंडली जल जाएगी।
इसलिए एमिटर को हमेसा श्रेणीक्रम में तथा वोल्टमीटर को समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है।
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अध्याय 3 |
प्रश्न 2.- विभवमापी एवम वोल्टमीटर
दोनों ही विभंवातर मापने में प्रयोग किए जाते है |दो यंत्रो की आवश्यकता एक ही कार्य के लिए क्यों होती है |
उतर - जब हम वोल्टमीटर को परिपथ के समान्तर क्रम में जोड़ते है तो वोल्टमीटर परिपथ से कुछ न कुछ धारा ले लेता है , जिसके कारण वोल्टमीटर द्वारा मापा गया विभवान्तर वास्तविक
मान से थोडा सा कम होता हैं। लेकिन विभवमापी से जब किसी
परिपथ ( के दो बिंदुओं का ) का विभवान्तर मापा जाता है तो विभवमापी परिपथ से कोई धारा नहीं लेता है अतः
विभवमापी द्वारा मापा गया विभवान्तर शुद्ध होता है।
प्रश्न 3.- ओम के नियम सीमाए लिखे |
उतर- ओम के नियम की सीमाएँ निम्नलिखित हैं।
(1) ओम के नियम का पालन को कुचालक और अर्धचालक द्वारा नहीं किया जाता है।
(2) ओम के नियम का डायोड, ट्रांजिस्टर और थाइरिस्टर द्वारा पालन नहीं किया जाता है।
(3) वैक्यूम ट्यूब में ओम के नियम का पालन नहीं होता है।
(4) इलेक्ट्रोलाइट (विद्युत विच्छेद्य ) द्वारा ओम के नियम का पालन नहीं होता है।
(5) ओम के नियम का विद्युत आर्क में पालन नहीं होता है।
प्रश्न 4 .- द्वितीयक सेल का आंतरिक प्रतिरोध कम क्यों होता है?
बिहार बोर्ड 2009
उत्तर- द्वितीयक सेल ( वह सेल जिसे दुबारा चार्ज किया जा सकता है उसे द्वितीयक सेल कहते है) के प्लेट्स
बड़े होते हैं और द्वितीयक सेल में कोई ध्रुवीकरण नहीं होता है यही कारण है कि द्वितीयक सेल का आंतरिक प्रतिरोध कम होता है।
प्रश्न5.- समान्तर क्रम में जुड़ें सेलों के समतुल्य विद्युत् वाहक बल ( E.M.F. ) का व्यंजक निकलें
\[{{E}_{equivalent}}=\frac{{{E}_{1}}{{r}_{2}}+{{E}_{2}}{{r}_{1}}}{{{r}_{1}}+{{r}_{2}}}\]
प्रश्न6.-चालक की प्रतिरोधकता के लिए व्यंजक लिखिए और व्यंजक के प्रत्येक पद की व्याख्या कीजिए।
बिहार बोर्ड 2011
उतर - प्रतिरोधकता =\[\rho =\frac{R\times A}{l}\]
जहाँ R= चालक का प्रतिरोध
A = चालक के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल
l = चालक की लंबाई
प्रश्न7.- प्रतिरोधकता शब्द को परिभाषित करें और इसका SI मात्रक बताएं। एक विशिष्ट अर्धचालक के लिए तापमान में परिवर्तन के साथ प्रतिरोधकता के परिवर्तन को दर्शाने वाला एक ग्राफ बनाएं।
बिहार बोर्ड 2009
उत्तर- \[\rho =\frac{R\times A}{l}\]
यदि l = 1 एम
A = 1${{m}^{2}}$
तो $\rho =R$
इकाई लंबाई और इकाई अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के तार के प्रतिरोध के संख्यात्मक मान को प्रतिरोधकता कहते है।
अर्धचालक की प्रतिरोधकता- तापमान में वृद्धि के साथ अर्धचालक की प्रतिरोधकता असमान रूप से घट जाती है।
प्रश्न8.- द्रव और ठोस से विधुत प्रवाह में क्या अंतर है ?
उतर -ठोस पदार्थो में विधुत का
प्रवाह मुक्त इलेक्ट्रॉनों के कारण होता है।
लेकिन द्रवों में विधुत का प्रवाह( विधुत रसायनिक अभिक्रिया के कारण उत्पन्न)आयनों के द्वारा होता है ( जिस द्रव में आयन उत्पन्न नहीं होते हैं, वह द्रव कुचालक की तरह कार्य करता हैं)।
प्रश्न9.- चीनी का जलीय विलयन चालक नहीं होता है , क्यों ?
उत्तर - चीनी का जलीय विलयन में उनके अणु आयनों में नही टूटते है जिसके कारण चीनी का जलीय विलयन विधुत का कुचालक होता है।
प्रश्न10.-यधपि शुध्द जल एवं शुष्क नमक ( या सुख नौसादर -NH4Cl) दोनों विधुत के कुयालक होते है, लेकिन नमक तथा जल का घोल चालक होता है क्यों ?
उत्तर- शुध्द जल में आयन तथा शुष्क नमक ( या नौसादर में ) मुक्त इलेक्ट्रान उपसिथत नहीं रहते है , जिसके कारण ये विधुत के कुयालक होते है।
लेकिन जब नमक (अथवा नौसादर )को जल में घोल देते है तो ये आयनों में टूट जाते है ( ये ही आयन आवेश अथवा विद्युत् के वाहक होते है) जिसके कारण ये चालक हो जाते है।
प्रश्न11.- अनुगमन वेग (Drift Velocity) समरूप होता है ,क्यों ?
उत्तर- जब किसी चालक पर विद्युतीय क्षेत्र आरोपित करते है, तो उसके भीतर के मुक्त इलेक्ट्रॉनों पर विद्युतीय क्षेत्र के विपरीत दिशा में बल लगता हैं ,जिसके कारण ये मुक्त इलेक्ट्रान बल की दिशा में गति करतें है , लेकिन इन मुक्त इलेक्ट्रॉनों की टक्कर बार - बार उस चालक पदार्थ के प्रमाणुओं अथवा आयनों से होती है। जिसके कारण मुक्त इलेक्ट्रॉनों के वेग ( जिसे अनुगमन वेग कहते है )में कोई वृद्धि नहीं हो पाती है।
अतः अनुगमन वेग समरूप होता है।
प्रश्न12.- अपवाह वेग के सिद्धांत का प्रयोग करते हुए ओम के नियम को व्यक्त कीजिए।
बिहार बोर्ड 2018
माना कि l लंबाई और A अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल का एक तार PQ है।
तार का विभवांतर = V
तार पर आरोपित विद्युतीय क्षेत्र= E=V/l
चूँकि हम जानतें हैं ${{V}_{d}}=\frac{eE}{m}\tau =\frac{e\tau }{m}\times \frac{V}{l}....(i)$
पुनः ,हम जानतें हैं $I=nAe{{V}_{d}}=nAe\times \frac{e\tau }{m}\times \frac{V}{l}$
$\frac{V}{I}=\frac{ml}{n{{e}^{2}}A\tau }$= नियत
$\frac{ml}{n{{e}^{2}}A\tau }$ एक नियत राशि है ,जिसे चालक का प्रतिरोध कहते है।
$\frac{V}{I}=R$
$V\alpha I$
यही ओम का नियम है।
प्रश्न13.-मीटर ब्रीज में किस प्रतिरोध परिपथ
ब्रीज का उपयोग होता है?, उसके संतुलन की शर्त लिखे।
उत्तर - मीटर ब्रीज में संतुलित व्हीटस्टोन ब्रीज का उपयोग
किया जाता है।
संतुलित व्हीटस्टोन ब्रीज के लिए
$\frac{{{R}_{1}}}{{{R}_{2}}}=\frac{{{R}_{3}}}{{{R}_{4}}}$
यही अपेक्षित शर्त है।
प्रश्न14.- यदि किसी बल्ब पर 220 v तथा 100 w लिखा है ,मल्टीमीटर से इसका प्रतिरोध मापने पर इसका 60Ωआता है क्यों ?
उत्तर- P = 100w
V = 220v
P = V²/R
R = V²/P = 220 × 220/100
R = 484 Ω
यह प्रतिरोध बल्ब के जलने पर टंगस्टन के कुंडली का है। ताप घटने पर टंगस्टन का प्रतिरोध घटता है । यही कारण है की मल्टीमीटर से मापने पर दिए गए बल्ब का प्रतिरोध कमरे के ताप पर 60Ω आता है।
प्रश्न15.- कार्बन प्रतिरोध के कलर कोडिंग से आप क्या समझते हैं ?
बिहार बोर्ड 2020
उत्तर- (नवेंदु भौतिकी वर्ग-मुजफ्फरपुर) के नोट में देखें।
प्रश्न16.- फ्यूज तार की दो विशेषताएँ लिखिए।
बिहार बोर्ड 2014
उत्तर- फ्यूज तार की दो विशेषताए
निम्न हैं।
(i) फ्यूज तार का गलनांक बहुत
कम होना चाहिए ताकि अत्यधिक धारा के प्रवाह के दौरान यह जल्दी पिघल जाए।
(ii) फ्यूज तार की चालकता उच्च (या प्रतिरोधकता निम्न ) होनी चाहिए
ताकि इससे अधिकतम धारा प्रवाहित हो सके।
प्रश्न17.-विद्युत नेटवर्क के लिए किरचॉफ के दोनों नियम बताइए।
बिहार बोर्ड 2016
उत्तर- (नवेंदु भौतिकी वर्ग-मुजफ्फरपुर) के नोट में देखें।
प्रश्न18.- विभवमापी का सिद्धांत बताएं। दो प्राथमिक सेलों के विद्युत वाहक बलों की तुलना करने के लिए
एक आरेख खींचिए।
बिहार बोर्ड 2009
उत्तर- विभवमापी का सिद्धांत - यदि एकसमान अनुप्रस्थ काट वाले एक तार से नियत धारा प्रवाहित हो रही हो तो तार के किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच का विभवान्तर उन दोनों बिन्दुओं के बीच की दूरी (लंबाई) के समानुपाती होता है।
V∝ l
V = Kl
जहाँ K = विभव प्रवणता
दो सेलों के विद्युत् वाहक बलों की तुलना करने के लिए परिपथ आरेख-
यदि ${{E}_{1}}$ के लिए संतुलन बिंदु A से ${{l}_{1}}$दूरी पर पाया जाता है और ${{E}_{2}}$ के लिए संतुलन बिंदु A से {{l}_{2}} दूरी पर पाया जाता है।
तो $\frac{{{E}_{1}}}{{{E}_{2}}}=\frac{{{l}_{1}}}{{{l}_{2}} }$
प्रश्न19.- किरचॉफ का दूसरा नियम ऊर्जा संरक्षण का नियम है,व्याख्या करें।
बिहार बोर्ड 2017
उत्तर - किरचॉफ का दूसरा नियम कहता है-
"किसी परिपथीय बंद लूप के लिए, विभव परिवर्तन का बीजगणितीय योग शून्य होता है।"
दिए गए उदाहरण के लिए
IR-E=0
E=IR
E=V
सेल द्वारा इकाई आवेश को दी गई ऊर्जा (विद्युत् वाहक बल ), प्रतिरोध से प्रवाहित होने वाले इकाई आवेश पर किए गए कार्य (विभवांतर ) के बराबर है।
इसलिए, किरचॉफ का दूसरा नियम ऊर्जा के संरक्षण के नियम का पालन करता है।
प्रश्न20.- सिबेक प्रभाव (Seebeck effect)क्या है?
बिहार बोर्ड 2010,11
उत्तर - जर्मन भौतिकशास्त्री थामस जाँन सीबेक के द्वारा बताया गया।
ताप विधुत युग्म ( Thermoelectric couple जैसे- ताम्बा-लोहा, कॉपर-कॉन्स्टेंटन, कॉन्स्टेंटन-क्रोमेल, कॉन्स्टेंटन- लोहा ) के दो तारो को
आपस में जोड़कर एक संधि को गर्म और एक संधि को ठंडा किया जाए तो इनसे
धारा प्रवाहित होने लगती है ,इसे सिबेक प्रभाव कहते है।
प्रश्न21.- पेल्टियर प्रभाव ( Peltier effect) क्या है?
उत्तर - फ्रांसीसी भौतिकशास्त्री चार्ल्स पेल्टियर के द्वारा बताया गया।
ताप विधुत युग्म के दो
तारो को आपस में जोड़कर यदि उनसे धारा प्रवाहित करते है तो एक संधि गर्म और एक संधि ठंडी
हो जाती है इसे पेल्टियर प्रभाव कहते है।
प्रश्न22.-कोई दो विशेषताएँ लिखिए जिन पर ताप विद्युत् युग्मों में उत्पन्न ताप विद्युत् वाहक बल निर्भर करता है।
बिहार बोर्ड 2011
उत्तर- ताप विद्युत् वाहक बल निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है।
(i) ताप विद्युत् वाहक बल ताप विद्युत् युग्मों के सिरों के तापान्तर पर निर्भर करता है।
(ii) ताप विद्युत् वाहक बल ताप विद्युत् युग्मों के विद्युतीय ऋणात्मकता और विद्युतीय धनात्मकता पर निर्भर करता है।
प्रश्न23.- थॉमसन प्रभाव को बताएं और समझाएं।
बिहार बोर्ड 2011
उत्तर- जब एक असमान रूप से गर्म चालक से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो चालक में ऊष्मा का अवशोषण या उत्सर्जन होता है।
इसे थॉमसन प्रभाव कहते है।
थॉमसन प्रभाव दो प्रकार का होता है।
(i) धनात्मक थॉमसन प्रभाव- जब गर्म सिरे से ठंडे सिरे तक धारा प्रवाहित की जाती है तो ऊष्मा उत्पन्न होती है और जब ठंडे सिरे से गर्म सिरे तक धारा प्रवाहित की जाती है तो ऊष्मा अवशोषित होती है।
धनात्मक थॉमसन प्रभाव दिखाने वाली धातुएँ Sn, Cu, Ag, Cd, Zn आदि हैं।
धनात्मक थॉमसन प्रभाव में, यह पाया गया है कि गर्म सिरा उच्च विभव पर होता है और ठंडा सिरा निम्न विभव पर होता है।
(ii) ऋणात्मक थॉमसन प्रभाव- जब ठण्डे सिरे से गर्म सिरे तक धारा प्रवाहित की जाती है तो ऊष्मा उत्पन्न होती है और जब धारा को गर्म सिरे से ठंडे सिरे तक प्रवाहित किया जाता है तो ऊष्मा अवशोषित होती है। ऋणात्मक थॉमसन प्रभाव दिखाने वाली धातुएं Fe, Co, Bi, Pt, Hg आदि हैं।
ऋणात्मक थॉमसन प्रभाव में, यह पाया गया है कि गर्म सिरा निम्न विभव पर होता है और ठंडा सिरा उच्च विभव पर होता है।
प्रश्न24.- जुल प्रभाव एवं पेल्टियर प्रभाव में अंतर स्पष्ट
करें।
उत्तर - (¡)जुल प्रभाव में उत्पन्न ऊष्मा पुरे तार में उत्पन्न होती है,जबकि पेल्टियर प्रभाव में उत्पन्न ऊष्मा केवल संधि (junction) पर उत्पन्न होती है।
(¡¡) जुल प्रभाव में धारा की दिशा बदलने से कोई
प्रभाव नहीं पड़ता है,जबकि पेल्टियर प्रभाव में धारा की दिशा बदलने से गर्म संधि ठंडी तथा ठंडी संधि गर्म हो जाती है।
(¡¡¡) जुल प्रभाव किसी भी चालक (तार) में होता है ,लेकिन पेल्टियर प्रभाव केवल ताप विधुत युग्म में होता है।
(¡v) जुल प्रभाव में उत्पन्न ऊष्मा धारा के वर्ग का
समानुपाती होता है ,पेल्टियर प्रभाव में ऊष्मा धारा का समानुपाती
होता है।
प्रश्न25.-धातु की प्रतिरोधकता , नाइक्रोम की प्रतिरोधकता एवं अर्ध्द्चालक की प्रतिरोधकता पर ताप के
प्रभाव का वर्णर करें।
उत्तर - धातु - ताप बढ़ने से धातु की प्रतिरोधकता वक्रीय रूप से बढ़ती
है।
नाइक्रोम (मिश्रधातु) - ताप बढ़ने से नाइक्रोम की प्रतिरोधकता रैखिक रूप से बढ़ती है।
अर्ध्द्चालक -ताप बढ़ने से
अर्ध्द्चालक की प्रतिरोधकता वक्रीय रूप से घटती है।
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