12th भौतिकी अध्याय 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता लघु प्रश्नोत्तर
प्रिय छात्रों कक्षा 12 के अध्याय 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर के साथ एक स्थान पर एकत्र किए गए हैं ताकि आप सभी को अपनी 12 बिहार बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ यूपी बोर्ड परीक्षा, झारखंड बोर्ड परीक्षा, एमपी बोर्ड परीक्षा ,राजस्थान बोर्ड परीक्षा, और अन्य बोर्ड परीक्षाओं के लिए तैयार किया जा सके। अधिक सहायता के लिए मेरे नवेंदु क्लासेस यूट्यूब चैनल पर जाएं।
प्रश्न (1 )- विद्युतीय विभव की परिभाषा लिखे।
बिहार बोर्ड -2022
उत्तर- एकांक धन आवेश की ऊर्जा को विद्युतीय विभव कहते हैं।
\[{{V}_{A}}=\frac{{{U}_{A}}}{q}\]
\[{{V}_{A}}=\frac{{{U}_{A}}-{{U}_{\infty }}}{q}=\frac{{{W}_{\infty A}}}{q}\]
अतः ,
विद्युत क्षेत्र में एकांक धनात्मक आवेश को अनंत से एक बिंदु तक लाने में किया गया कार्य विद्युत विभव (उस बिंदु पर) कहलाता है।
* विद्युत विभव एक अदिश राशि है।
* विद्युत विभव का SI मात्रक जूल/कूलम्ब है। जिसे वोल्ट (V) कहते हैं।प्रश्न (2 )- एक आवेशित कण से दूर जाने पर विधुतीय विभव किस प्रकार बदलता है ?
किसी आवेशित कण Q के कारण r दुरी पर के बिंदु पर विभव V = Q/4π${{\varepsilon }_{o}}$r होता है।
इस सुत्र के अनुसार,
, |
(i )यदि Q = + ve
दुरी बढ़ने के साथ विभव घटेगा |
(ii )यदि Q = - ve
दुरी बढ़ने के साथ विभव बढ़ेगी |
प्रश्न (3)- आवेशित चालक की सतह समविभवीहोती है,कैसे ?
उत्तर:-चुँकि हम जानते है कि किसी चालक के तल से विधुतीय क्षेत्र कि दिशा लम्बवत होती है अतः चालक के तल पर स्पर्श रेखिए रूप मे विधुतीय क्षेत्र का मान शुन्य होगा |
E = 0
-dv/dr =0
dv=0
दोनों तरफ समाकलन करने पर
∫ dv = ∫0
V = constant
अर्थात,चालक के तल के सभी बिंदुओ पर विभव समान ( नियत ) होता है |
अतः चालक का तल समविभवी होता है।
अतः चालक का तल समविभवी होता है।
प्रश्न (4)- विद्युत क्षेत्र की तीव्रता और विद्युतीय विभव के बीच संबंध स्थापित करें।
बिहार बोर्ड -2019
उत्तर- नवेंदु भौतिकी कक्षाओं के नोट्स से लिखें।
प्रश्न (5)-वान डी ग्राफ जनरेटर की बेल्ट कुचालक पदार्थ से बनी होती है, क्यों?
प्रश्न (5)-वान डी ग्राफ जनरेटर की बेल्ट कुचालक पदार्थ से बनी होती है, क्यों?
बिहार बोर्ड -2009
उत्तर- वान डी ग्राफ जनरेटर की बेल्ट कुचालक पदार्थ से बनी होती है जिसके कारण बेल्ट पर दिया गया आवेश फैलता नहीं हैं बल्कि बेल्ट के दिए गए हिस्से पर जमा रहता हैं। जब घिरनी (pulley ) घूमती है तो बेल्ट पर का आवेश गोलीय चालक से जुड़ी धातु की कंघी तक पहुंच जाता है।
यदि बेल्ट चालक पदार्थ से बना होता तो बेल्ट पर दिया गया आवेश पुरे बेल्ट पर फैल जायेगा जिससे जनरेटर व्यवस्थित रूप से काम नहीं करेगा।
प्रश्न (6)- समानांतर प्लेट संधारित्र में दूसरे प्लेट का क्या कार्य है?
बिहार बोर्ड -2015
उत्तर- जब हम संधारित्र के संग्राहक प्लेट (पहले प्लेट) को कुछ धनात्मक या ऋणात्मक आवेश देतें हैं तो दूसरे प्लेट (संघनक प्लेट) पर विपरीत आवेश प्रेरित होता है। दूसरे प्लेट पर का विपरीत आवेश पहले प्लेट के विभव को कम कर देता है जिससे वह अधिक से अधिक आवेश संग्रहित कर पता है।
प्रश्न (7)- संधारित्र की धारिता को प्रभावित करने वाले दो कारक बताइए।
बिहार बोर्ड -2014
उत्तर- संधारित्र की धारिता निम्नलिखित दो कारकों पर निर्भर करती है।
(i) संधारित्र की धारिता (c) प्लेटों के क्षेत्रफल (A) के समानुपाती होती है।
$C\alpha A$
(ii) संधारित्र की धारिता (c) प्लेटों के बीच के परावैद्युत माध्यम की विद्युतशीलता (\[\varepsilon \]) के समानुपाती होती है।
$C\alpha \varepsilon $
प्रश्न (8)- C धारिता और V विभवांतर तक आवेशित संधारित्र की विद्युतीय ऊर्जा क्या होगी ?
बिहार बोर्ड -2020
उत्तर- दिए गए संधारित्र की ऊर्जा
$U=\frac{1}{2}C{{V}^{2}}$
प्रश्न (9)- एक संधारित्र को बैट्री के सिरो से जोड़ा गया है | दोनो प्लेटे ठीक बराबर आवेश क्यों प्राप्त करती है ? क्या होगा यदि प्लेटें विभिन्न आकार के हो ?
उत्तर:- जब किसी संधारित्र को आवेशित किया जाता तो उसके संधनक प्लेट पर उत्पन्न आवेश प्रेरण दारा उत्पन्न होते है | और प्रेरण के कारण उत्पन्न आवेश परिमाण मे बराबर तथा प्रकृति मे विपरीत होते है तथा ये चालक के आकार पर निर्भर नहीं करते है | विभिन्न आकार के प्लेट लेने पर भी उन पर उत्पन्न आवेश बराबर होगा |
प्रश्न (10)- ध्रुवीय परावैधुत और अध्रुवीय परावैधुत क्या है ?
उतर:- ध्रुवीय परावैधुत
(i) वे परावैधुत जिनके अणुओ का द्विध्रुव आघूर्ण कुछ न कुछ हो उसे ध्रुवीय परावैधुत कहते हैं।
जैसे - NH3, H2O
(ii)इनके अणुओ के ऋणावेश तथा धनावेश के केंद्र अलग-अलग बिंदुओं पर होता है।
अध्रुवीय परावैधुत
(i) वे परावैधुत जिनके अणुओ का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य हो उसे अध्रुवीय परावैधुत कहते हैं।
जैसे - H2,O2,N2
(ii)इनके अणुओ के ऋणावेश तथा धनावेश के केंद्र एक ही बिंदु पर होता है।
उतर:- जब दो आवेशित चालको(संधारित्रो) को जोड़ते है तो आवेश का पुनर्वितरण होता है | जिसके कारण आवेश उच्च विभव वाले चालक से निम्न विभव वाले चालक तक तब तक जाता है जब तक दोनों चालको का विभव समान न हो जाए | इस क्रिया मे विधुत ऊर्जा का ह्रास होता है | यह ऊर्जा उष्मा,ध्वनि,और प्रकाश ऊर्जा के रूप मे पैदा होता है |
माना कि C1और C2 धारिता तथा क्रमशः V1 & V2 विभव के दो चालक है।
चालकों को जोड़ने के पहले की कुल उर्जा
\[{{U}_{1}}=\frac{1}{2}{{C}_{1}}{{V}_{1}}^{2}+\frac{1}{2}{{C}_{2}}V_{2}^{2}\]..(i)
जब दोनों चालकों को जोड़ते है तो आवेशों के पुनर्वितरण बाद चालकों का उभयनिष्ठ विभव V हो जाता है।
आवेश संरक्षण के सिधांत से
${{C}_{1}}{{V}_{1}}+{{C}_{2}}{{V}_{2}}={{C}_{1}}V+{{C}_{2}}V$
${{C}_{1}}{{V}_{1}}+{{C}_{2}}{{V}_{2}}=V({{C}_{1}}+{{C}_{2}})$
$V=\frac{{{C}_{1}}{{V}_{1}}+{{C}_{2}}{{V}_{2}}}{({{C}_{1}}+{{C}_{2}})}$..(ii)
यह दोनों चालकों का उभयनिष्ठ विभव (common potential ) है।
${{C}_{1}}{{V}_{1}}+{{C}_{2}}{{V}_{2}}={{C}_{1}}V+{{C}_{2}}V$
${{C}_{1}}{{V}_{1}}+{{C}_{2}}{{V}_{2}}=V({{C}_{1}}+{{C}_{2}})$
$V=\frac{{{C}_{1}}{{V}_{1}}+{{C}_{2}}{{V}_{2}}}{({{C}_{1}}+{{C}_{2}})}$..(ii)
यह दोनों चालकों का उभयनिष्ठ विभव (common potential ) है।
दोनों चालकों को जोड़ने के बाद की कुल ऊर्जा
${{U}_{2}}=\frac{1}{2}{{C}_{1}}{{V}^{2}}+\frac{1}{2}{{C}_{2}}{{V}^{2}}$
${{U}_{2}}=\frac{1}{2}({{C}_{1}}+{{C}_{2}}){{V}^{2}}$
${{U}_{2}}=\frac{1}{2}({{C}_{1}}+{{C}_{2}}){{V}^{2}}$
${{U}_{2}}=\frac{1}{2}({{C}_{1}}+{{C}_{2}}){{\left[ \frac{{{C}_{1}}{{V}_{1}}+{{C}_{2}}{{V}_{2}}}{{{C}_{1}}+{{C}_{2}}} \right]}^{2}}$
\[{{U}_{2}}=\frac{1}{2}\times \frac{{{\left( {{C}_{1}}{{V}_{1}}+{{C}_{2}}{{V}_{2}} \right)}^{2}}}{{{C}_{1}}+{{C}_{2}}}\].(iii)
\[{{U}_{2}}=\frac{1}{2}\times \frac{{{\left( {{C}_{1}}{{V}_{1}}+{{C}_{2}}{{V}_{2}} \right)}^{2}}}{{{C}_{1}}+{{C}_{2}}}\].(iii)
= $\frac{1}{2}\times \frac{{{C}_{1}}{{C}_{2}}}{{{C}_{1}}+{{C}_{2}}}\times {{({{V}_{1}}-{{V}_{2}})}^{2}}$
यही आवेशों के पुनर्वितरण के कारण ऊर्जा के क्षति का व्यंजक है।
प्रश्न(12)- किसी चालक की धारिता से आप क्या समझते हैं ?
बिहार बोर्ड-2021
उत्तर- किसी चालक के विभव में इकाई वृद्धि के लिए आवश्यक आवेश की मात्रा को चालक की धारिता कहते हैं।
चालक की धारिता = आवेश / विभव
$C=\frac{Q}{V}$
प्रश्न(13)- संधारित्र के किन्ही दो उपयोग लिखे।
बिहार बोर्ड-2023
उत्तर- संधारित्र के दो उपयोग निम्न है।
(i) संधारित्र का उपयोग (विद्युत्) ऊर्जा को भंडारित करने के लिए किया जाता है।
(ii) संधारित्र का उपयोग रेडिओ आवृति को tune करने के लिए किया जाता है।
प्रश्न(14)- विभव प्रवणता तथा विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता में सम्बन्ध लिखिए। विभव प्रवणता का SI मात्रक क्या है ?
बिहार बोर्ड-2023
उत्तर- nawendu classes के नोट्स में पढ़े।
अध्याय 1 विद्युत आवेश एवं क्षेत्र लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 3 वर्तमान विद्युत् धारा लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 4 गतिमान आवेश और चुम्कत्व लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 6 विद्युत चुम्बकीय प्रेरण लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 7 प्रत्यावर्ती धारा लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 8 विद्युत चुंबकीय तरंगें लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 9 किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 10 तरंग प्रकाशकी लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 11 विकिरण एवं पदार्थ की द्वैत प्रकृति लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 12 परमाणु लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 13 नाभिक लघु प्रश्न -उत्तर
अध्याय 14 अर्द्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी : पदार्थ,युक्तियाँ तथा सरल परिपथ लघु प्रश्न -उत्तर
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